अंगूठी की दुनिया या आखिरत |

एक बार हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने अपने पिता रसूले इस्लाम (स) से एक अंगूठी की इच्छा प्रकट की तो उन्होंने कहाः  मैं तुम्हें अंगूठी...



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एक बार हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने अपने पिता रसूले इस्लाम (स) से एक अंगूठी की इच्छा प्रकट की तो उन्होंने कहाः 
मैं तुम्हें अंगूठी से अच्छा तोहफ़ा न बताऊँ?

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने कहाः बाबा जान! यह तो और भी अच्छा है।

आपने फ़रमायाः जब तुम नमाज़े शब पढ़ों तो अल्लाह से अपनी चीज़ के लिए दुआ करना वह तुम्हारी मांगी हुई चीज़ को तुम्हें दे देगा।

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने नमाज़े शब पढ़ने के बाद अल्लाह से एक अंगूठी की इच्छा प्रकट की तब उनको एक आकाशवाणी सुनाई दी कि फ़ातेमा की मांगी हुई चीज़ मुसल्ले के नीचे मौजूद है।

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने जब मुसल्ला उठा कर देखा तो वहां उनको एक बहुत की क़ीमती याक़ूत दिखाई दिया। आपने वह याक़ूत उठा लिया और जब दूसरी रात आप को निद्रा आई तो आपने सपने में जन्नत की सैर की और आप एक स्थान पर पहुँची तो देखा कि एक तख़्त रखा है जिसके तीन पाय हैं।

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने पूछाः यह किसका तख़्त है?

हूरों ने उत्तर दियाः यह तख़्त अंतिम रसूल की बेटी का है।

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने पूछाः इसके तीन पाय क्यों हैं चार क्यों नहीं?

हूरों ने उत्तर दियाः इसकी मालकिन ने दुनिया में रहकर एक याक़ूत मगाया है इसलिए इसके चार के बजाए तीन पाय हैं।

यह सपना देख कर हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) निद्रा से उठीं और अपना सपना अपने पिता रसूले इस्लाम (स) से बताया

आपने फ़रमायाः हे अब्दुल मुत्तलिब के गिरोह! दुनिया तुम्हारी क़िस्मत में नहीं है, अल्लाह ने तुम्हारी क़िस्मत में आख़ेरत रखी है, तुम दुनिया ले कर क्या करोगे? वह तो बहुत जल्द समाप्त हो जाने वाली चीज़ है।

रसूले इस्लाम (स) ने फ़रमायाः प्यारी बेटी इस याक़ूत के वहां रख दो जहां से तुम्हें मिला है।

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने याक़ूत को मुसल्ले के नीचे रख दिया।

अगली रात फिर जनाबे सय्यदा को वही सपना दिखाई दिया और तख़्त पर निगाह पड़ी तो वहां उसके चारो पाय मौजूद थे।

हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स) ने हूरों से पूछाः एक दिन पहले इस तख़्त के पाय तीन थे आज चार कैसे हो गए?

हूरों ने उत्तर दियाः इसकी मालकिन ने वह याक़ूत वापस कर दिया तो इसके चार पाय हो गए


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