दुआऐ तवस्सुल हिंदी में तर्जुमे के साथ |

दुआऐ तवस्सुल हिंदी में तर्जुमे के साथ | शेख़ अबू जाफर  तुसी अपनी किताब मिस्बाह में फरमाते हैं  की इमाम हसन-बिन-अल-अस्करी (अ:स) न...



दुआऐ तवस्सुल हिंदी में तर्जुमे के साथ |


शेख़ अबू जाफर  तुसी अपनी किताब मिस्बाह में फरमाते हैं  की इमाम हसन-बिन-अल-अस्करी (अ:स) ने यह दुआ अबू मुहम्मद के आग्रह पर उस समय लिखी जब उन्हों ने इमाम (अ:स) से सही तरीक़े से सलवात पढ़ने के बारे में पूछा! 

अल्लामा मजलिसी ब्यान करतें हैं की इब्ने बबावाय्ह ने अपने पुरे अधिकार और आत्मविश्वास से  कहा है की ऐसी कोई भी परेशानी, कठिनाई या समस्या नहीं है जो यह दुआ हल नहीं कर सकती है! 
अल्लाह  अपने रहम और नाम के साथ मुहम्मद (स:अ:व:व) और आले मुहम्मद (अ:स) के नाम के लिए इसमें मौजूद है! यह दुआ सभी जायज़  दुआओं  को  फ़ौरन पूरा करने  के नाम से भी जानी जाती है!

बिस्मिल्लाह अर'रहमान अर'रहीम
अल्लाहूम्मा इन्नी अस’अलोका व अतावज-जहो इलैका
बे नबी'एका नबी'ईर रहमते
मोहम्मदीन सल्ललाहो अलैहे व आलेही
या अबल क़ासीमे
या रसूलल-लाहे या इमामर-रहमते
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व अस’तश फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल लाहे
व क़द'दम नका बैना यदै हाजातेना,
या वजिहन इंदल’लाह
अश'फ़-अलाना इंदल-लाह.

या अबल-हसने
या अमीरुल मोमिनीना या अली यबना
अबी तालिब
या हूज्जतल-लाहे अल ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज जहना व अस’तश फ़’अना
व तवस सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना यदै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़ अलाना इंदल-लाह

या फतेमतुज़ ज़ेहरा
या बिन्ते मोहम्मदीन या क़ुर'रता ऐनिर
रसूले
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज जहना व अस’तश फ़’अना
व तवस सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना यदै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़ अलाना इंदल-लाह

या अबा मोहम्मदीन
या हसन अब्ना अलिय्यिन अय्यो-हल मुजतबा
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज’जतल-लाहे अला खल्क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज जहना व अस-तश-फ़’अना
व तवस सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना यदै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश-फ़’अलाना इंदल-लाह

या अबा'अब्दिल-लाहे
या हुसैन अब्ना अलिय्यिन अय्योहश शहीदों
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज'जतल-लाहे'अला खल्केही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-लाह
या अबल-हसने

या'अली यब्नल-हुसैने या ज़ैनल
आबेदीन
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज्जतल'लाहे अला ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-लाह
या अबा जाफर'ईन

या मोहम्मद अब्ना अलिय्यिन अय्योहल बाक़िर
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज्जतल'लाहे अला ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-लाह
या अबा'अब्दिल-लाहे

या जाफर अब्ना मोहम्मदीन अय्योहस सादिक़

यबना रसूलिल-लाहे
या हूज्जतल'लाहे अला ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-लाह
या अबल-हसने

या मूसा अब्ना जा'फरिन अय्योहल कज़िमो
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज्जतल'लाहे अला ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-लाह
या अबल-हसने

या अली यबना मूसा अय्योहर रिज़ा
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज्जतल'लाहे अला ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-लाह
या अबा जाफरिन

या मोहम्मद अब्ना अली-ईन

अय्योहत तक़ी'युल जवादों
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज्जतल'लाहे अला ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-लाह
या अबल-हसने

या अली यबना मोहम्मदीन
अय्योहल हादी'यिन नक़ी'यो
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज्जतल'लाहे अला ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-लाह
या अबा मोहम्मदीन

या हसन यबना अली'यिन
अय्योहज़-ज़की'युल अस्करीयो
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज्जतल'लाहे अला ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-ला
या वसी-यल हसने
वल-खला'फ़ल हूज'जता

अय्योहल क़ाएमूल मूनता'ज़रूल- मह्दियो
यबना रसूलिल-लाहे
या हूज्जतल'लाहे अला ख़ल'क़ेही
या सय्येदना व मौलाना
इन्ना तवज'जहना व'अस-तश-फ़’अना
व तवस-सलना बेका इलल-लाहे
व क़द दम नका बैना य'दै हाजातेना,
या वजिहन इंदल-लाह
अश'फ़. अलाना इंदल-लाह
या सा'दती व मौ'अलिय्या
इन्नी तवज-जहतो बेकूम  अ’इ'मत्ति व ‘ऊद'दती
ले-यौमे फकरी व हाजती
इलल-लाहे
व तवस-सलतो बेकूम इल्ल'ल्लाहे,
वस्-तस-फ़’तो बेकूम इलल'लाहे,
फाश-फ़’ऊली इंदल-लाहे, वस्'तन'क़ुजूनी मिन ज़ोनूबी ‘इंदल-लाहे,
फ़-इन्नाकूम वसिलती इलल-लाहे
व बे हूब'बेकूम व बे'क़ूर्बेकूम अर्जू नजातन मिन अल्लाहे
फ़'कुनू ‘इंदल-लाहे रजा’ई
या सा'दती या औलिया’अल्लाहे
सल्ल'लाहो अलैहिम अजमा’इन
व ला’अनल-लाहो अ’दा-अ-‘अल्लाहे ज़ालेमीहीम
मिनल अव्वालीना वल-आख़ेरिना
आमीन रब्बल’आलमीन.

तर्जुमा 

अल्लाहूम्मा सल्ले अला मोहम्मदीन व आले मोहम्मद.
शुरू करता हूँ अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है
बारे इलाहा ! तेरे दर का सवाली बन कर तेरे ही  नबी व पैगंबर हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (स:अ:व:व) के सहारे  तेरी बारगाहे आली में बन्दागे के सजदे सजाने चला हूँ,

ऐ अबुल क़ासिम, ऐ अल्लाह के रसूल, ऐ ख़ैर व बरकत वाले पेशवा! ऐ खाजाये आलम, ऐ सबके वली आप ही से हम सब आस लगाए हुए हैं और आप ही की शराफत दरकार है और खुदा तक रसाई के लिए आप ही का वसीला है नेज़ हाजत रवाई के सिलसिले में भी आप ही हमारा सबसे से बड़ा आसरा हैं, ऐ बारगाहे अह्दियत में इज्ज़त पाने वले आप अल्लाह से हमारी सिफारिश कर दीजिये

ऐ अबुल हसन  अमीरुल मोमिनीन ऐ अली इब्ने अबी तालिब (अ:स), ऐ सारे ख़िलक़त के लिए खालिके यकता की हुज्जत, ऐ हमारे आक़ा हमारे मौला हम आप ही पर नज़र जमाये हुए हैं आप ही शफा'अत करने वाले और आप ही हमारा ज़रिया हैं, नीज अपनी मुश्किलों को आसान करने के लिए आपका दामन थामे हुए हैं! ऐ खुदा रसीदा बुज़ुर्ग!  उस आफ्रीदागार मुतलक के हुज़ूर हमारी सिफारिश कर दीजिये!

ऐ फातिमा ज़हरा (स:अ) ऐ मुहम्मद मुस्तफा (स:अ:व)   के साहेबज़ादी ऐ रसूल (स:अ:व:व) की आँखों की ठंडक, ऐ सैया'दाए आलम ऐ हमारी मलका ए आलिया आप ही की चौखट पर हम सब नहवाड़े हुए हैं दरगाहे क़ाज़िउल हाजात तक पहुँचने की गर्ज़ से हमें आप ही की मदद चाहिए आप ही हमारा वसीला हैं और मद'दुआ पाने के ख्याल से आपके आगे अपनी झोली रख़ दी है, ऐ हरीमे क़ुदस ए इलाही की बुलंद मर्तबा ख़ातून! आप दावरे हश्र से हमारी सिफारिश कर दीजिये!

ऐ अबू मुहम्मद (स:अ) ऐ हसन (स:अ) बिन अली  (स:अ) औ मुजतबा ऐ रसूले खुदा के फ़र्ज़न्द ऐ दुनिया जहां के लिए अल्लाह की हुज्जत ऐ हमारे सरवर! ऐ हमारे सरदार हम आप ही के लिए आस्ताने अक़दस पर अपनी तवज्जह मर्कूज़ किये हुए हैं और बस आप ही हमारे शफ़ा'अत कार हैं, नीज कुर्बे इलाही की ख़ातिर आप (स:अ) ही का सहारा लिया है और बारगाहे अह्दियत से अपने मक़ासिद की तकमील के लिए आप (स:अ) को वास्ता क़रार दिया है, ऐ ख़ुदा के नज़दीक आबरू रखने वाले आप मालिके दो जहां से हमारी सिफारिश कर दीजिये,

ऐ अबू अब्दुल्लाह! ऐ हुसैन (स:अ) बिन अली (स:अ) ऐ जामे शहादत नोश करने वाले ऐ फ़रज़न्दे रसूल (स:अ) ऐ खल्के खुदा के लिए खुदा की दलील ऐ हमारे पेशवा ऐ हमारे सरपरस्त हमने आप (स:अ) के दर पर अपना माथा रख़ दिया है आपकी शफ़ा'अत चाहिए और आप का ही वसीला मतलूब है अपनी हाजाताओं के सिलसिले में हमने आप पर हो भरोसा किया है, कुदरत की नज़र में आप की बड़ी क़द्र-व-मंज़लत है, आप आप माबोड़े मुतलक से हमारी सिफारिश कर दीजिये

ऐ अबुल हसन (स:अ) ऐ अली (स:अ) बिल अल हुसैन (स:अ) ऐ इबादत गुज़ारों की ज़ीनत ऐ रसूले ख़ुदा (स:अ) के बेटे ऐ अल्लाह की मखलूक के लिए निशाने राहे हक़, ऐ हमारे सय्यादो सलार, हम दामन फैला कर आप ही की तरफ बढ़ते हैं, आप की शफ़ा'अत के खास्त्गार हैं, ख़ुदा के वास्ते आप से मुतावास्सल हुए हैं, और इसी तवक्को पर की उम्मीदें बर आयेंगी आप के क़दम लिए हैं, अल्लाह ने आपको शरफ बख्शा आप (स:अ) खुदा से हमारी सिफारिश कर दीजिये

ऐ अबू जाफर (स:अ) ऐ मुहम्मद (स:अ) बिन अली  (स:अ) ऐ ममलेकत-ए-इल्म को वुस'अत अता फरमाने वाले सिब्ते नबी (स:अ) ऐ दीने इलाही की ज़िंदा जावेद अलामत, ऐ हम पर अख्तयार रखने वाले ऐ हमारे फर्मा रवा हम आप की तरफ देख रहे हैं, खुदा के हुज़ूर अप्प (स:अ) ही से कुमुक की इल्तेजा है, आप ही हमें उस दरबार तक पहुंचाने वाले हैं, और हम अपनी हर आरज़ू व नयाज़ के लिए आप से लौ लगाए बैठे हैं, पाक व परवरदिगार ने आप (स:अ) को बहूँ ऊंचा मर्तबा दिया है, आप उस पालने वाले से हमारी सिफारिश कर दीजिये

ऐ अबू अब्दुल्लाह (स:अ) ऐ जाफर (स:अ) बिन मुहम्मद (स:अ) ऐ सच्चाई के पैकर, ऐ रसूलल्लाह (स:अ) के बेटे ऐ ख़ुदा की सच्ची निशानी ऐ हमारे रास-व रईस ऐ सब के सरकार हम ने आपके (स:अ) क़दमों में आँख बिछा दी है और खुदा से अपनी मुरादें हासिल करने के लिए आपकी मदद के खाहां हैं, आप ही हमें रब्बे करीम तक पहुंचाने के ज़रिया हैं, ऐ दरबारे खालीक़े यकता में बुलंद व बाला हैसियत रखने वाले आप (स:अ) खुदाए  करीम से हमारी सिफारिश कर दीजिये,

ऐ अबुल हसन (स:अ) ऐ मूसा (स:अ) बिन जाफर (स:अ) ऐ नफस की कैफियत पर पूरी गिरफ्त रखने वाले फ़रज़न्दे रसूल (स:अ) काएनात के लिए अल्लाह की वाजेह दलील हमारे मालिक हमारे मुख्तार आप (स:अ) की खिदमत में हाज़िर है आप की दस्तगीरी के तालिब और आप के तवस्सुल के गर्वीदा हमने अपने मक़ासिद में कामयाब होने के लिए आप (स:अ) के साए में  पनाह ली है, अल्लाह ने आप को सरफ़राज़ फरमाया है आप (स:अ) इजद व मुतआल से हमारी सिफारिश कर दीजिये!

ऐ अबुल हसन (स:अ) ऐ अली (स:अ) बिन मूसा ए राज़ी व रज़ा (स:अ) ऐ रसूले खुदा (स:अ) के फ़र्ज़न्द ऐ सारी मखलूक के लिए अल्लाह की हुज्जत हमारे मुक़तदा ऐ हमारे बुजुर्गवार आप (स:अ) के आगे सर खमीदा है आप की ई'आनत के मुल्तजी हैं आपके तावास्सुत के मुहताज अपने बिगड़ी बनाने के लिए आप ही को यावर बनाया है ऐ साहते अज़मत इलाही की बा'बरकत हस्ती, आप (स:अ) रब्बुल अलामीन से हमारी सिफारिश कर दीजिये

ऐ अबू जाफर (स:अ) ऐ मुहम्मद (स:अ) बिन अली (स:अ) ऐ तक़वा कि मिसाल ऐ दरया दिली के मेयार रसूले खुदा (स:अ) के फ़र्ज़न्द, ख्लाके खुदा के लिए दलीले हक़, ऐ अमीरे उमम ऐ काएदे मोहतरम, इस बाइस की हमारी दुआ क़बूल हो और हमारी हाजत पूरी हो जाए कमाले अदब और मुन्तहाये ख़ुलूस के साथ आप (स:अ) की खिदमत में हाज़िर है अल्लाह ने आपके दर्जे बुलंद फरमाए हैं उस र'उफ़ व रहीम से हमारी सिफारिश कर दीजिये

ऐ अबुल हसन (स:अ) ऐ अली (स:अ) बिन मुहम्मद (स:अ) ऐ हादिये बढ़ाक ऐ फ़िक्र-ओ-अमल की तहारत के मज़हरे उमम ऐ फ़रज़न्दे रसूल (स:अ) ऐ हुज्जत खुदा ऐ हमारे सरवर ऐ हमारे सरदार आप (स:अ) ही से तमाम उम्मीदें वाबस्ता हैं, आप ही हमारी किश्ते को किनारे लगा सकते हैं आप हे हमें खुदा से क़रीब करने का वास्ता हैं, और हमारी हाजत रवाई भी आप ही के कारण मुमकिन है ऐ खुदा की बुर्गाजीदा हस्ती आप (स:अ) पाक परवरदिगार से हमारी सिफारिश कर दीजिये

ऐ अबू मुहम्मद (स:अ) ऐ हसन (स:अ) बिन अली (स:अ) ऐ ख़ैर व खूबी और जुर्रत व शुजा'अत की तफसीर ऐ रसूले खुदा (स:अ) के फ़र्ज़न्द ऐ जहां पनाह ऐ सय्ये'दते मा'आब आप (स:अ) ही की खाके पा को अपनी आँखों का सुरमा बनाया है आप (स:अ) ही हमारे यारो मददगार हैं आप (स:अ) के सबब अल्लाह हमारी सुनेगा आप (स:अ) ही के सदके में हमारी उम्मीदें बर आयेंगी अल्लाह ने आप को वजाहत बख्शी है आप (स:अ) उस खालीक़े यकता से हमारी सिफारिश कर दीजिये

ऐ हसन अस्करी (स:अ) के जानशीन ऐ मासूम रहनुमा के नायब ऐ खुदा की हुज्जत ऐ क़ायेम मुन्तजिर ऐ मेहदी मौ'उद ऐ खातिमुल अमबिया के नूरे नज़र ऐ अल्लाह की रौशन दलील ऐ इमामे उमम ऐ रहबर वाला मक़ाम आप ही के लिए हम फर्शे राह हैं आप ही की इमदाद के तालिब और आप ही से तवस्सुल के खास्त्गार हैं ख़ुदावंदे आलम से अपनी हाजत मांगने के लिए आप ही पर हम आँखें लगाए हैं, ऐ बारगाहे खुदाए मुत'आल की मुकर्रम व मोहतरम शख्सियत अल्लाह अज्ज व शान्हू से हमारी सिफारोइश कर दीजिये! ऐ हमारे आकाओं ऐ हमारे सरदारों आप ही से हमने तमाम उम्मीदें बाँध रखी हैं, ऐ हमारी हयात व काएनात के रहनुमाओं और नहूत के दिनों का ज़खीरा, ऐ हमारी बे माय्गी में काम आने वालों अल्लाह के लिए तुम ही को वसीला बनाया है आप ही को अपनी शफ़ी माना है आप खुदा की बारगाह में हमारी शफ़ा'अत कर दीजिये हमारे गुनाहों को बख्शवा दीजिये आप ही हमें निजात दिलाने का ज़रिया हैं और आप ही की मुहब्बत और कुर्बत से हम रुस्त्गारी की तवक्कु रखते हैं हम ने आप (स:अ) से आस लगाईं है कयामत में मायूस न होने दीजिएगा ऐ हमारे सरदारों, ऐ अल्लाह के दोस्तों तुम सब पर उसका दरूद व सलाम और तुम पर सितम ढाने वाले तमाम दुश्मनाने खुदा पर शुरू से आखिर तक अल्लाह की लानत! आमीन रब्बुल आलामीन


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