मैं एक शिया मुसलमान नहीं हूँ

टीवी शिया. शेख़ ज़कज़की की बेटी ने कहाः मैं एक शिया मुसलमान नहीं हूँ, मैं केवल एक मुसलमान हूँ, मुसलमान से पहले कुछ नहीं लगाना चा...




टीवी शिया. शेख़ ज़कज़की की बेटी ने कहाः मैं एक शिया मुसलमान नहीं हूँ, मैं केवल एक मुसलमान हूँ, मुसलमान से पहले कुछ नहीं लगाना चाहिये, हम मुसलमानों को हर उस चीज़ का विरोध करना चाहिये जो हमको विभिन्न समुदायों में बांट दे, केवल एक इस्लाम है जो पैग़म्बर (स) लेकर आए थे।

हम मुसलमानों के शिया, सुन्नी, नाइजीरियाई, अमरीकाई ... आदि नामों को स्वीकार नहीं करना चाहिये।

अफ़सोस है कि हमारे कुछ भाई बहन ज़रेआ की हालिया घटना को शिया जनसंहार के तौर पर देखते हैं, ऐसा लगता है कि इन (नाइजीरियाई सरकार और सेना) सबने हम पर आक्रमण इसलिये किया है कि हम शिया है, जब हमारी यह क्रांति आरम्भ हुई थी तो इसके अधिकतर सदस्य सुन्नी थे और उस समय भी इसी प्रकार हमले किये जाते थे, वह भी जेल गए और उनकी भी धमकियाँ दी गईं। क्यों? क्यों कि हमने तै किया था कि नाइजीरिया में लोगों पर होने वाले अत्याचार के समाप्त कर सकें। अगर हम भी इस अत्याचार पर दूसरे लोगों की भाति चुप बैठ जाते तो हम भी शांति से रह सकते थे, जैसा कि आप भी किसी ऐसे देश में रह सकते हैं जिसमें आपको मूलभूत अधिकार भी न दिये जाते हों।

मेरे पिता ने कभी भी स्वंय को एक समुदाय के नेता के तौर पर पेश नहीं किया और इस इस्लामी आन्दोलन को किसी विशेष समुदाय का नहीं बताया। इस आन्दोलन का वास्तविक लक्ष्य यह था कि हम सरकार की तरफ़ से जानी नाइन्साफ़ियों का विरोध करें जिसमें हम जी रहे हैं। हर इन्सान चाहे वह किसी भी देश या धर्म का हो वह इस आन्दोलन में हमारा साथ दे सकता है। हम चाहे किसी भी समुदाय को हो अंत में हमारा लक्ष्य यही है कि उस चीज़ को सिद्ध करें जो पैग़म्बर (स) ले कर आए थे।

हमने एकता के कुछ ही सप्ताहों को देख है जब तमाम मुसलमान एक दूसरे के साथ खड़े होते थे, हमको उन सालों से मिले हुए सबक़ को भुलाना नहीं है।

जब मेरे तीनों भईयों की शहादत हुई वह उस फ़िलिस्तनी के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे जिसमें सुन्नी अधिक हैं, वह शियों होने के कारण नहीं शहीद हुए बल्कि उनको इसलिये मारा गया कि वह पीड़ितों को हक़ के लिये खड़े हुए थे, नाइजीरिया की सरकार इस प्रदर्शन से डर गई थी क्योंकि वह जानते थे कि स्वंय इस देश के लोग भी अत्याचार सह रहे हैं और कहीं ऐसा न हो कि वह अपने अधिकारों की आवाज़ उठा दें, वरना एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन को क्यों इस प्रकार सेना द्वारा हमले के शिकार बनाया जाता और घायलों को छोड़ दिया जाता ताकि वह ख़ून बह जाने के कारण मर जाएं?

नाइजीरिया में जो कुछ हुआ है वह शियों का जनसंहार नहीं था बल्कि क़त्लेआम की एक कड़ी थी, दुनिया में कोई भी कहीं भी अगर आज होने वाले अत्याचारों पर विरोध प्रकट करे चाहे वह ग़ैर मुसलमान हो विशष कर अगर नाइजीरियाई हो तो वह सरकार और वह लोग जिन्होंने उनकी सुरक्षा की शपथ ली है वही बेकार के बहाने बना कर जैसे रास्ते को बंद किया जाना एक क्लिप जारी करेंगे और सकड़ों बल्कि हज़ारों इन्सानों का ख़ून बहा देंगे आप सोंचें कि आपकी हत्या करने के लिये इससे (रास्ता बंद किया जाना) छोटा और क्या बहाना हो सकता है? अगर आज आप इस अत्याचार के विरुद्ध खड़े नहीं होंगे तो एक दिन यह आपके साथ भी होगा और उस दिन कौन आपके लिये आवाज़ उठाएगा?
                                                          Source



Related

world 4696576116807588877

Post a Comment

emo-but-icon

Follow Us

Hot in week

Recent

Comments

इधर उधर से

Comment

Recent

Featured Post

नजफ़ ऐ हिन्द जोगीपुरा का मुआज्ज़ा , जियारत और क्या मिलता है वहाँ जानिए |

हर सच्चे मुसलमान की ख्वाहिश हुआ करती है की उसे अल्लाह के नेक बन्दों की जियारत करने का मौक़ा  मिले और इसी को अल्लाह से  मुहब्बत कहा जाता है ...

Admin

item