क्या चाँद पे या हुसैन लिखा दिखता है?

क्या चाँद पे या हुसैन लिखा दिखता है ये बात वर्षों से सुन रहा हूँ और अक्सर पढ़ने की कोशिश करो तो लगता भी ऐसा है । कल  मैं शाम ऐ  ग़रीबा के...



क्या चाँद पे या हुसैन लिखा दिखता है ये बात वर्षों से सुन रहा हूँ और अक्सर पढ़ने की कोशिश करो तो लगता भी ऐसा है । कल  मैं शाम ऐ  ग़रीबा के बाद रात में सोया तो एक फ़ोन आया लखनऊ से और ग़ाज़ीपुर से कि  देखिये चाँद में या हुसैन लिखा दिख रहा है । मैंने कहा वो हमेशा से लिखा है और लिखा रहेगा । यहां जौनपुर में कोई शोर नहीं था लेकिन लखनऊ में लोग छतो पे निकल के नौहा मातम करते रहे ऐसा सुनने  में आया और तस्वीर एक दुसरे को  भेज रहे हैं वो कई साल पुरानी तस्वीर है ।

हकीकत में जो लोग ऐसी बातों को महसूस करके अपने जज़्बात ज़ाहिर करते हैं  वो  ऐसे लोग हैं जिन्हे इमाम हुसैन(अ स )से मुहब्बत तो है इसमें कोई शक नहीं बस ज़रुरत इस बात की है की वो इमाम हुसैन को अपने वक़्त ऐ इमाम को पहचानने की कोशिश करें और उनके किरदार की झलक खुद में ज़माने को दिखाएँ । फिर हर चेहरा चाँद होगा और हर चेहरे पे या अल्लाह, या मुहम्मद, या अली , या हुसैन और साहिबुज़ ज़मान लिखा नज़र आएगा ।

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